Monday 11 November 2013

क्रिकेट का भगवान – सचिन तेंदुलकर (Profile of Sachin Tendulkar)


खेल एक कला है और इस कला में शिल्पकारों की भूमिका बहुत अहम है. क्रिकेट में ऐसे कई महान खिलाड़ी हैं जिन्होंने इस खेल को सफलता की बुलंदी पर पहुंचाया है. पर असल मायनों में क्रिकेट का एक ऐसा खिलाड़ी भी है जिसे अगर क्रिकेट का देवता कहा जाए तो कोई दो राय नहीं. सचिन तेंदुलकर विश्व क्रिकेट का वह चेहरा है जिसे पिछले बीस सालों से करोड़ों खेल-प्रेमी अपनी आंखों का तारा बनाए हुए हैं. बल्लेबाजी का शायद ही कोई ऐसा रिकॉर्ड हो जो इस महानायक की पहुंच से दूर हो.
सचिन तेंदुलकर का नाम भारत में इस कदर लोकप्रिय है कि एक समय लोग सचिन को ही क्रिकेट का दूसरा नाम मानते थे. इस अकेले खिलाड़ी के पास इतने रन हैं जितना इस समय पूरी एक टीम के पास भी नहीं है. 18111 एक दिवसीय और 14692 टेस्ट रनों के साथ 99 शतक लगाने वाले सचिन के रनों की भूख अभी भी शांत नहीं हुई है.

Sachin TendulkarSachin Tendulkar’s Profile : सचिन का जीवन परिचय

सचिन तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल, 1973 को मुंबई में हुआ था. बचपन से ही हाथों में बल्ला लिए सचिन पहुंच जाते थे गेंदबाजों के छक्के छुड़ाने. सचिन का नाम उनके पिता रमेश तेंदुलकर ने उनके चहेते संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर रखा था. पर उन्हें क्या पता था कि उनका बेटा एक दिन महान संगीतकार सचिन देव बर्मन से भी ज्यादा प्रसिद्ध हो जाएगा. बड़े भाई अजीत तेंदुलकर ने क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित किया तो स्कूल में भी शिक्षकों का पूरा सहयोग मिला.

सचिन ने अपने स्कूल मुंबई के शारदाश्रम विद्यामंदिर (Sharadashram Vidyamandir) से ही अपने क्रिकेट कॅरियर की शुरुआत कर दी थी. रमाकांत आचेरकर की छत्रछाया में उन्होंने प्रारंभिक क्रिकेट सीखना शुरु किया. इसके बाद एमआरएफ फाउंडेशन (MRF Foundation) की तरफ से आस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज डेनिस लिली ने सचिन को तेज गेंदबाजी करते देखा तो कहा कि गेंदबाजी से बेहतर है तुम बल्लेबाजी पर ध्यान दो. इस एक कथन ने क्रिकेट के भगवान की तकदीर बदल दी.

sachin02-258x300Sachin Tendulkar’s Career : क्रिकेट कॅरियर की शुरुआत

1988 में स्कूल के एक हॅरिस शील्ड मैच में विनोद कांबली के साथ खेलते हुए 664 रन की भागीदारी बनाकर स्कूल क्रिकेट में विश्व कीर्तिमान कर दिया था. सचिन ने इस मैच में 320 रन बनाए थे. सचिन ने 14 साल की उम्र से ही प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच खेलना शुरु कर दिया था. मुंबई की तरफ से खेलते हुए सचिन ने चयनकर्ताओं को आकर्षित किया और 16 साल की उम्र में ही सचिन को देश की तरफ से खेलने का पहला मौका मिला.

18 दिसम्बर, 1989 को गुजरांवाला, पाकिस्तान में सचिन तेंदुलकर ने अपने एकदिवसीय कॅरियर की शुरुआत की. अपने प्रर्दापण मैच में सचिन ने अपने जुझारू होने का सबूत दे दिया जब उन्होंने वसीम अकरम, वकार यूनुस जैसे गेंदबाजों का डटकर सामना किया. साल 1989 में कॅरियर का पहला दौरा उनके लिए अच्छा नहीं रहा और तेज गेंदबाज वकार यूनुस की बाउंसर तेंदुलकर को लगी और उनकी नाक से खून बहने लगा था लेकिन तेंदुलकर इससे घबराए नहीं और उन्होंने अगले दो दशकों तक दुनियां में हर तरह के मैदानों पर दिग्गज गेंदबाजों को खूब सबक सिखाया.

sachin tendulkar : God of Cricket1989 से लेकर 1994 तक सचिन ने क्रिकेट के मैदान पर अपनी शैली से अपनी अलग पहचान तो बनाई पर वह नाम कमाने में असफल ही रहे. इन पांच सालों में सचिन ने एक भी शतक नहीं लगाया था. लेकिन इसके बाद सचिन ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. आस्ट्रेलिया, सिडनी, शारजाह, कानपुर जहां भी मौका मिला, उन्होंने बल्ला उठाकर आसमान में भगवान को धन्यवाद दिया और अपने प्रशंसकों को शतक का तोहफा दिया. 1997 से लेकर 2003 तक तो सचिन लिटिल मास्टर से मास्टर ब्लास्टर बन चुके थे.

2003 में उनकी ही बदौलत टीम इंडिया फाइनल तक पहुंची तो 2011 में उन्होंने टीम को विश्व कप की ट्राफी उठाने में मदद की. सचिन ने उम्र के इस पड़ाव में भी वनडे में 200 रनों की मैराथन पारी खेल दिखा दिया है कि उनमें रनों की भूख अभी शांत नहीं हुई है.

सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट व एकदिवसीय क्रिकेट, दोनों में सर्वाधिक शतक अर्जित किए हैं. वे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं. इसके साथ टेस्ट क्रिकेट में 14000 से अधिक रन बनाने वाले वे विश्व के एकमात्र खिलाड़ी हैं. एकदिवसीय मैचों में भी उन्हें सर्वाधिक रन बनाने का कीर्तिमान प्राप्त है. अपनी बल्लेबाजी की शैली की वजह से उनकी तुलना महान क्रिकेटर सर डॉन ब्रेडमैन से की जाती है. खुद ब्रैडमैन ने कहा था कि वह सचिन में अपना अक्श देखते हैं.

Sachin TendulakarSachin Tendulkar’s Batting Style : सचिन की शैली

दायं हाथ के इस महान बल्लेबाज ने ना सिर्फ बल्लेबाजी बल्कि कई अहम मौकों पर अपनी कलाई का जादू दिखाकर मैच भी जिताया है. एक मैच विनर बल्लेबाज होने के साथ ही वह एक मैच विनर गेंदबाज भी हैं. हमेशा शांत रहने वाले सचिन को शायद ही आपने कभी कैमरे के सामने अधिक देखा हो. अपनी निजी जिंदगी को दूसरों से छुपाने वाले सचिन समाज सेवा का कोई मौका नहीं छोड़ते लेकिन जब वह चैरिटी करते हैं तो किसी को दिखाते नहीं है. सचिन अपने आलोचकों को कभी भी मुंह से जवाब नहीं देते. सचिन अपनी दोस्ती निभाने के लिए भी जाने जाते हैं.

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